घर शब्द छ: घणो छोटो
अर्थ इको साँथरों मोटो।
इम रैव एक परिवार
बिना बिक सूनो संसार।
जठै सारा साँकला रैव
बठै सदा खुशहाली रैव।
ऊँ घर घर कहलावें
जठै सारा भाई मिल बैठ खावें।
जठै बड़ा रो मान होवें
ऊँ घर रो सदा सम्मान होवें।
जठै रैव समझदार नारी
बठै सारी खुशियाँ वारि।
जी घरकारों दिलड़ो मोटो होवें
बिक सामने स्वर्ग भी छोटो होवें।
मुसीबत भी बठै थर थर काँपें
जठै सारा दु:ख मिल बैठकर बाँटे।
जो घर ने घर समझे
घर री बात बाणें ना उपजें।
सारी आपदा सु यो बचावें
सर् रे ऊँपर छत कहलावें।
काचों होवे या पाकों
घर सिर्फ आपणों साँचों।।
लेखक विरेन्द्र भारती
मो . 8561887634
अर्थ इको साँथरों मोटो।
इम रैव एक परिवार
बिना बिक सूनो संसार।
जठै सारा साँकला रैव
बठै सदा खुशहाली रैव।
ऊँ घर घर कहलावें
जठै सारा भाई मिल बैठ खावें।
जठै बड़ा रो मान होवें
ऊँ घर रो सदा सम्मान होवें।
जठै रैव समझदार नारी
बठै सारी खुशियाँ वारि।
जी घरकारों दिलड़ो मोटो होवें
बिक सामने स्वर्ग भी छोटो होवें।
मुसीबत भी बठै थर थर काँपें
जठै सारा दु:ख मिल बैठकर बाँटे।
जो घर ने घर समझे
घर री बात बाणें ना उपजें।
सारी आपदा सु यो बचावें
सर् रे ऊँपर छत कहलावें।
काचों होवे या पाकों
घर सिर्फ आपणों साँचों।।
लेखक विरेन्द्र भारती
मो . 8561887634
No comments:
Post a Comment