Virendra bharti
कुछ लोगों की तो किस्मत भी उनका साथ नहीं देती । जैसे मेरी।
Tuesday, May 30, 2017
रिश्ता
रिश्ता कच्चे धागो की पतंगों की तरह होता है,
ना जाने कब किस्से बन जाता है
ना जाने कब टूट के अलग हो जाता है |
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