Sunday, June 4, 2017

तेरा दर्द

तेरा दर्द

तु मेरी जिंदगी के हर आखरी पन्ने पर है 
मैंने मौत भी माँगी तो तेरी आरजू से माँगी है 

तेरी चाहत मे कहीं मेरा दम निकल ना जाए 
अब तो तु आजा कहीं मेरी साँसे छिनली ना जाए 

हर वक़्त तेरे खयालो मे मैं खोया हुआ था 
मुझे नहीं पता मैं कब सोया हुआ था 

नींद कैसी होती है मैं ये भुल गया हूँ 
जबसे तु रूठी है मैं टूट गया हूँ 

अब तो तेरी ख़बर भी दूसरों से आती हैं 
जबसे तु गयी है  सिर्फ खयालो में आती हैं 
 सिर्फ खयालो में आती हैं 

लेख़क विरेन्द्र भारती 
मो. 8561887634 
 ई मेल. virendra.bharti@yahoo.in
                                                        

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