तेरा दर्द
तु मेरी जिंदगी के हर आखरी पन्ने पर है
मैंने मौत भी माँगी तो तेरी आरजू से माँगी है
तेरी चाहत मे कहीं मेरा दम निकल ना जाए
अब तो तु आजा कहीं मेरी साँसे छिनली ना जाए
हर वक़्त तेरे खयालो मे मैं खोया हुआ था
मुझे नहीं पता मैं कब सोया हुआ था
नींद कैसी होती है मैं ये भुल गया हूँ
जबसे तु रूठी है मैं टूट गया हूँ
अब तो तेरी ख़बर भी दूसरों से आती हैं
जबसे तु गयी है सिर्फ खयालो में आती हैं
सिर्फ खयालो में आती हैं
लेख़क विरेन्द्र भारती
मो. 8561887634
ई मेल. virendra.bharti@yahoo.in
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